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Union Government, Extraordinary, 2018-01-17, Part II-Section 3-Sub-Section(ii), Ref. S O 278 E PDF

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REGD. NO. D. L.-33004/99 EXTRAORDINARY II— — (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) PUBLISHED BY AUTHORITY 241] No. 241] NEW DELHI, WEDNESDAY, JANUARY 17, 2018/PAUSHA 27, 1939 पययावरण, वन और जलवयय ुपररवतना मत्रं यलय ऄधधसचू नय नइ ददल्ली, 17 , 2018 कय.अ. 278(ऄ).—मंत्रयलय प्रयरुप ऄधधसूचनय कय.अ. 72(ऄ.), ददनयंक 7 जनवरी, 2016 के ऄधधक्रमण में, ऄधधसूचनय कय धनम्नधलधखत प्रयरुप, धजसे केन्द्रीय सरकयर, पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 (1986 कय 29) की धयरय 3 की ईपधयरय (2) के खंड (v) और खंड (xiv) तथय ईपधयरय (3) के सयथ परित ईपधयरय (1) द्वयरय प्रदत्त शधियों कय प्रयोग करते हुए, जयरी करने कय प्रस्तयव करती ह,ै पययावरण (संरक्षण) धनयम, 1986 के धनयम 5 के ईपधनयम (3) की ऄपेक्षयनुसयर, जनसयधयरण की जयनकयरी के धलए, प्रकयधशत ह;ै धजनके ईससे प्रभयधवत होन े की संभयवनय ह,ै और यह ह ैदक ईि प्रयरूप ऄधधसूचनय पर, ईस तयरीख से, धजसको आस ऄधधसूचनय को ऄंतर्ववष् ट करन ेवयले भयरत के रयजपत्र की प्रधतययं जनसयधयरण को ईपलब्ध करय दी जयती ह,ैं सयि ददन की ऄवधध की समयधि पर यय ईसके पश्च यत् धवचयर दकयय जयएगय ; ऐसय कोइ व्यधि, जो प्रयरूप ऄधधसूचनय में ऄंतर्ववष्ट प्रस्तयवों के संबंध में कोइ यय सुझयव देने ह,ै ह आस प्रकयर धवधनर्ददष्ट ऄवधध के भीतर, केन्द्रीय सरकयर द्वयरय धवचयर दकए जयने के धलए, यय सुझयव सधचव, पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय, आंददरय पययावरण भवन, जोर बयग रोड, ऄलीगंज, नइ ददल्ली-110003 यय इ-मेल [email protected] पर धलधखत रूप में भेज सकतय ह ै। प्रयरूप ऄधधसचू नय धतपेश् वर वन्द्य जीव ऄभययर्‍ य ह यवतमल धजले में धस्थत ह ैऔर 148.632 वगा दकलोमीटर क्षेत्र में फैलय हुअ ह।ै और, धतपेश् वर वन्द्य जीव ऄभययर्‍ य ए महत् वपूणा वन्द्य जीव ह ह ह ( ), तेंदअु (पेन्द्थेरय प्रड्यूस), ( ), भेधडयय( लुपस ), लकड़बग् घय(ह्ये ), ( ), नीलगयय( ), ह ( ), ( ), ह (ह ), स् तनधयररयों की 30 प्रजयधत -2 रीछ ( ), चौससगयमृग( ), –I अवयसी और प्रवयसी पक्षी ए ह।ै और, आस क्षेत्र में ईभयच , सरीसृ और धपसीन प्रजयधत पयइ जयती ह आस क्षेत्र में धततधलयों, की , भृं , केक ,झी , सीधपयों की और जूप् लयनककटोनस धवधवधतय पयए जय ह। और, ह ‘दधक्ष ण ईष्ण करटबधं ीय शुष् क पणापयती वन’ और यह 5ए/सी1ए के रूप में व कृत ह ैऔर धवधभ न्न अर्वथक, औषधीय, 356 GI/2018 (1) 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)] सुगंधध त और सजयवटी पौ की प्रजयधतयों के ए ए के रूप में कयया करते ह। और, औ ह ह ह ह ह ह अददवयसी समुदयय वन से सटे ह ह औ ह आनके देवी-देवतय और पूजय के ऄन्द् य धयर्वमक स् थल वनो के ऄंदर ही ह।ै और, वन्द्यजीव ऄभययर्‍य के चयरों ओर के क्षेत्र को, धजसकय धवस्तयर और सीमयएं आस ऄधधसूचनय के पैरय-1 में धवधनर्ददष्ट ह,ैं पयररधस्थधतकी औ पययावरण की दधृष्ट से पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के रूप में सुरधक्षत और संरधक्षत करनय तथय ईि पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में ईद्योगों यय ईद्योगों के प्रचयलन तथय प्रसंस्करण को प्रधतधषद्ध करनय अवश्यक ह ै; ऄतः, ऄब, केन्द्रीय सरकयर, पययावरण (संरक्षण) धनयम, 1986 के धनयम 5 के ईपधनयम (3) पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 (1986 कय 29) की धयरय (1) तथय धयरय 3 (2) ए (3) के खंड (v) और खंड (xiv) द्वयरय प्रदत्त शधियों कय प्रयोग करते हुए, महयरयष्ट्र रयज् य के धतपेश् वर वन्द्य जीव ऄभययर्‍ य की सीमय के चय ओर 150 मीटर ( की दधक्षण-पधिम सीमय की ओर एक बहुत ही छोटे खंड के धलए जहयं नदी प्रस्तयधवत ऄभययर्‍य बनयती है) 11 दकलोमीटर तक के धवस् तयररत क्षेत्र को धतपेश् वर वन्द्य जीव ऄभययर्‍ य पयररधस् थधतक संवेदी जोन (धजसे आसमें आसके पश्च यत् पयररधस् थधतक संवेदी जोन कहय गयय ह)ै के रूप में ऄधधसूधचत करती ह,ै धजसकय धववरण धनम्नयनुसयर ह,ै ऄथयात ्:-- 1. पयररधस्थधतक संवदे ी जोन कय धवस्तयर और सीमय.-- (1) ह पयररधस्थधतक संवेदी जोन ऄक्षयंश 780 18’ 33.90” से 780 36’ 17.25” और देशयन्द्त र 19047’56.20” से 200 3’ 16. 83” धस् थ त ह ै । ह पयररधस्थधतकी संवेदी जोन 404.57 वगा दकलोमीटर क्षेत्र में धतपेश् वर वन्द् यजीव ऄभययर्‍ य की सीमय के ओर 150 मीटर से 11 दकलोमीटर तक धभ न्न-धभ न्द्न धवस् तयर के क्षेत्र में फैलय हुअ ह ैऔर आसकय सीमय वणान ईपयबधं I म ें ह ै। (2) पयररधस्थधतक संवेदी जोन कय मयनधचत्र ईपयबधं II के रूप में ह ै। (3) औ ए ईपयबधं III के रूप में ह।ै (4) पयररधस्थधतक संवेदी जोन अने वयले 60 ग्रयमों की सूची जी पी एस धनदेशयंक के सयथ, ईपयबधं IV के रूप में ह।ै 2. पयररधस्थधतकी संवदे ी जोन के धलए अचं धलक महययोजनय:– (1) रयज्य सरकयर, पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के प्रयोजन के धलए, रयजपत्र में ऄंधतम ऄधधसूचनय के प्रकयशन की तयरीख से दो वषा की ऄवधध के भीतर, स्थयनीय व्यधियों के परयमशा से और आस ऄधधसूचनय में ददए गए ऄनुबंधों कय पयलन करते ए ए ह (2) ह रयज्य सरकयर के सक्षम प्रयधधकयरी ए । (3) पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के धलए अचंधलक महययोजनय आस ऄधधसूचनय में धवधनर्ददष् ट रीधत रयज् य सरकयर प्रयसंधगक केंरीय और रयज् य धवधधयों तथय केंरीय सरकयर द्वयरय जयरी मयगाधनदे , यदद कोइ हों, तैययर ए । (4) ह औ ए ह रयज् य सरकयर के धनम्नधलधखत धवभयगों के परयमशा से तैययर की जययेगी,:-- (i) पययावरण; (ii) वन; (iii) ह धवकयस; (iv) पयाटन; (v) नगरपयधलकय; (vi) रयजस् व; (vii) कृधष ; (viii) रयज्य प्रदषू ण धनयंत्रण बोड ा (5) ह , अंचधलक महययोजनय ऄनुमोददत भ-ूईपयोग, ऄवसंरचनय और दक्रययकलयपों पर कोइ नहीं ए अचंधलक महययोजनय सभी ऄवसंरचनय और दक्रययकलयपों को ऄधधक दक्ष और पययावरण ऄनुकूल बनयने ए । (6)अंचधलक महययोजनय में ऄनयच्छयददत और ऄवक्रधमत क्षत्रे ों के जीणोद्धयर, धवद्यमयन जल धनकययों के संरक्षण, अवयह क्षत्रे ों के प्रबंधन, जल-संभरों के प्रबंधन, भू-जल के प्रबंधन, मृदय और नमी संरक्षण, स्थयनीय की अवश्यकतयओं तथय पयररधस्थधत ए पययावरण ऐसे ऄन्द्य पह ओं, धजन पर ध्ययन देनय अवश्यक ह,ै ए । II (ii) 3 (7) अंचधलक महययोजनय सभी धवद्यमयन पूजय स् थलों, ग्रयमीण और ह , वनों की श्रेधणयों और दकस् मों, कृधष क्षत्रे ों, उपजयउ भूधम, ए ह हररत क्षे , , , और ऄन्द्य जल धनकययों ए । (8) ह के ऄंतगात वे ए - । (9) आस प्रकयर ऄनुमोददत अंचधलक महययोजनय आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों के ऄनुसयर मयनीटरी के ऄपने कृत्यों को करने के धलए मयनीटरी सधमधत के धलए एक संदभा दस्तयवेज होगी । 3. रयज्य सरकयर द्वयरय दकए जयन ेवयल ेईपयय- रयज्य सरकयर आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों को प्रभयवी के धलए धनम्नधलधखत ईपयय करेगी, ऄथयात्:-- (1) भ-ूईपयोग – (क) पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में वनों, क्षत्रे ों, कृधष क्षत्रे ों, अमोद-प्रमोद के प्रयोजन के धलए धचधन्द्हत दकए गए और खुले स्थयनों कय वयधणधज्यक यय अवयसीय औद्योधगक दक्रययकलयपों के धलए ईपयोग यय संपररवतान नहीं ए : ( ) परंतु पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के भीतर भयग (क) में धवधनर्ददष्ट प्रयोजन से धभन्न प्रयोजन के धलए कृधष और ऄन्द्य भूधम कय संपररवतान, मयनीटरी सधमधत की धसफयररश पर और क्षेत्रीय नगर योजनय ऄधधधनयम तथय और यथय लयगू केन्द्रीय/रयज्य सरकयर के ऄन्द्य धनयमों तथय धवधनयमों के ऄधीन सक्षम प्रयधधकयरी के पूवा ऄनुमोदन से, तथय आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों द्वयरय स्थयनीय धनवयधसयों की धनम्नधलधखत अवयसीय जरूरतों को पूरय करने के धलए ऄनुज्ञयत दकयय जयएगय, जैस े :- (i) धवद्यमयन सड़कों को चौड़य करनय और ईन्द्ह ेंसुदढृ करनय औ नइ सड़कों कय संधनमयाण; (ii) बुधनययदी ढयंचों और नयगररक सुधवधयओं कय संधनमयाण और नवीकरण; (iii) प्रदषू ण ईत्पन्न न करने वयले लघु ईद्योग, (iv) कुटीर ईद्योग धजसके ऄंतगात ग्रयमीण ईद्योग हैं; सुधवधय भ्‍डयर और स्थयनीय सुधवधयए , जो पयररधस्थधतकी पयाटन में सहययक हैं, धजसमें ग्रहवयस सधममधलत ह;ैऔर (v) संवर्वधत और पैरय 4 ( ) परंतु यह भी दक ह रयज्य सरकयर के ए ए तथय संधवधयन के ऄनच्ु छेद 244 के ईपबंधों तथय तत्समय प्रवृत्त धवधध, धजसके ऄंतगात ऄनुसूधचत जनजयधत और ऄन्द्य परंपरयगत वन धनवयसी (वन ऄधधकयरों की मयन्द्यतय) ऄधधधनयम, 2006 (2007 कय 2) भी ह,ै के ऄनुपयलन के धबनय वयधणधज्यक यय औ धवकयस दक्रययकलयपों के धलए जनजयतीय भूधम ह ह ( ) परंतु यह भी दक पयररधस् थधतकी संवेदी जोन के भीतर की भूधम के ऄधभलेखों में ईत्पन्न त्रुरट , धनगरयनी सधमधत के धवचयर प्रयि करने के पियत्, रयज्य सरकयर द्वयरय प्रत्येक मयमले में एक बयर शुधद्ध की जयएगी और ईि त्रुरट के शुधद्धकरण की सूचनय केंरीय सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय को दी जयएगी । ( .) परंतु यह भी दक ईपयुाि त्रुरट के शुधद्धकरण में, आस ईप-पैरय में यथय ईपबंधधत के धसवयय, दकसी भी दशय में भू-ईपयोग कय पररवतान सधममधलत नहीं होगय । ( ) ऄ प्रयुक् त यय ऄनुत् पयदक कृधष क्षत्रे ों में पुन: वनीकरण औ - ह के प्रययस दकए जयएंगे । (2) प्रयकृधतक जल स्रोत -- सभी प्रयकृधतक जलमयगों के अवयह क्षेत्रों की पहचयन की जयएगी और अचंधलक महययोजनय में ईनके संरक्षण और बहयली की योजनय सधम मधलत की जयएगी औ आन क्षत्रे ों यय असपयस के क्षेत्रों ए ह प्रधतधषद्ध धवकयस दक्रययकलयपों के धलए रयज्य सरकयर द्वयरय ददशयधनदेश तैययर दकए जयएंगे। (3) पयटा न/पयररधस्थधतकी पयटा न: (क) पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के भीतर सभी नए पयररधस्थधतकी पयाटन दक्रययकलय यय धवद्यमयन पयाटन दक्रययकलयपों कय धवस्तयर पयररधस्थधतकी संवेदी जोन संबंधी पयाटन महययोजनय के ऄनसु यर होगय । (ख) पयररधस्थधतकी पयाटन महययोजनय पयाटन धवभयग द्वयरय रयज्य के पययावरण और वन धवभयग के परयमशा से तैययर होगी । (ग) पयाटन महययोजनय अंचधलक महययोजनय कय एक घटक होगी । (घ) पयररधस्थधतकी पयाटन संबंधी दक्रययकलयप धनम्नयनुसयर धवधनयधमत होंगे,:- (i) वन्द्यजीव ऄभययर्‍य की सीमय से 1 दकलोमीटर के भीतर यय पयररधस्थधतकी संवेदी जोन की सीमय तक, आसमें जो भी धनकट हो, दकसी होटल यय ररसोटा कय नयय संधन्नमयाण ऄनुज्ञयत नहीं दकयय जयएगय । तथयधप, वन्द्यजीव ऄभययर्‍य की सीमय से 1 दकलोमीटर की दरू ी से परे पयररधस्थधतकी 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)] संवेदी जोन की सीमय तक नए होटलों और ररसोटों की स्थयपनय पयाटन महययोजनय के ऄनुसयर पयररधस्थधतकी पयाटन सुधवधयओं के धलए पूव ा पररभयधषत एवं ऄभीधहत क्षेत्रों में ऄनज्ञु यत की जयएगी। (ii) पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के ऄन्द्दर सभी नए पयाटन दक्रयय-कलयप यय धवद्यमयन पयाटन दक्रययकलयपों कय धवस्तयर केन्द्रीय सरकयर, पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय द्वयरय जयरी मयगादशी धसद्धयंतों तथय पयररधस्थधतकी पयाटन पर बल देत े हुए रयष्ट्रीय बयघ संरक्षण प्रयधधकरण द्वयरय जयरी पयररधस्थधतकी पयाटन मयगादशी धसद्धयंतों के ऄनुसयर होगय । (iii) अंचधलक महययोजनय कय ऄनुमोदन दकए जयने तक, पयाटन के धवकयस तथय धवद्यमयन पयाटन दक्रययकलयपों के धवस्तयर को वयस्तधवक स्थल धवधनर्ददष्ट संवीक्षय तथय धनगरयनी सधमधत की धसफयररश के अधयर पर संबंधधत धवधनययमक प्रयधधकरणों द्वयरय ऄनुज्ञयत दकयय जयएगय और पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के भीतर दकसी नये होटल/ररसयटा यय वयधणधज्यक प्रधतष्ठयन कय संधन्नमयाण ऄनुज्ञयत नहीं होगय । (4) धवरयसत – पयररधस्थधत संवेदी जोन में धवरयसत के सभी स्थलों जैसे सभी जीन क्षत्रे , शैल , जल प्रपयत, झर , , ईपवन, गुफयएं, स्थल, , ह , पयत अदद की पहचयन की जयएगी तथय ए के धलए धवरयसत संरक्षण योजनय ए जो अंचधलक महययोजनय कय भयग हो । (5) मयनव धनर्वमत धवरयसत स्थ ल - पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में भवनों, संरचनयओं, , ऐधतहयधसक, कलयत्मक और सयंस्कृधतक महत्व के क्षत्रे ों की पहचयन की जयएगी और संरक्षण के धलए धवरयसत संरक्षण योजनय बनययी जयएगी जो अंचधलक महययोजनय कय भयग होगी। (6) ध् वधन प्रदषू ण -- पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में ध् वधन प्रदषू ण कय धनवयरण और धनयंत्रण, पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 के ऄधीन बनयए गए ध्वधन प्रदषू ण (धवधनयमन और धनयंत्रण) धनयम, 2000 के ऄनुसयर दकयय जयएगय । (7) वयय ुप्रदषू ण - पयररधस्थधत संवेदी जोन में, वययु प्रदषू ण कय धनवयरण एवं धनयंत्रण, वययु (प्रदषू ण धनवयरण और धनयंत्रण) ऄधधधनयम, 1981 (1981 कय 14) और ईसके ऄधीन बनयए गए धनयमों के ऄनुसयर ए । (8) बधहस्रयव कय धनस्सयरण - पयररधस्थधत संवेदी जोन में ईपचयररत बधहस्रयवों कय धनस्सयरण, पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 और ईसके ऄधीन बनयए गए धनयमों के ऄन्द्तगात ए ए पययावरणीय प्रदषू ण के धनस्सयरण संबंधी सयधयरण मयनकों यय रयज्य सरकयर द्वयरय धनयत मयनकों ह , के ऄनुसयर ए । (9) िोस ऄपधशष्ट - िोस ऄपधशष्ट कय धनपटयन और प्रबंधन धनम्नधलधखत रूप में होगय - (क) पयररधस्थधत संवेदी जोन में िोस ऄपधशष्ट कय धनपटयन औ भयरत सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय की ऄधधसूचनय सं. कय.अ. 1357( ), 8 ऄप्रैल, 2016 ह िोस ऄपधशष्ट प्रबंध धनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसयर दकयय जयएगय। - ह ह ए ए - ए ; ( ) प्रौद्योधगदकयों (इएसएम) कय योग करते हुए धवद्यमयन धनयमों और धवधनयमों के ऄनुरूप िोस ऄपधश कय सुरधक्षत औ पययावरण प्रंबंधन ऄनुज्ञयत दकयय जययेगय। (10) जवै धचदक ऄपधशष्ट - (क) जैव धचदकत्सय ऄपधशष्ट कय धनपटयन धनम्न प्रकयर से दकयय जयएगय :- (क) पयररधस्थधत संवेदी जोन में जवै धचदक ऄपधशष्ट कय धनपटयन भयरत सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय की – ऄधधसूचनय सं. .कय.धन 343 (ऄ), तयरीख 28 मयचा, 2016 तहत प्रकयधशत जैव धचदक ऄपधशष्ट प्रबंध धनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसयर दकयय जयएगय । ( ) प्रौद्योधगदकयों (इएसएम) कय योग करते हुए धवद्यमयन धनयमों और धवधनयमों के ऄनुरूप - ऄपधश कय सुरधक्षत औ पययावरण िोस प्रंबंधन ऄनुज्ञयत दकयय जययगे य। (11) ह - : - ह - अवयस-ऄनुकूल धवधनयधमत ए और आस संबंध में अंचधलक महययोजनय में धवशेष ईपबंध दकए जयएंगे अचं धलक महययोजनय के तैययर होन े और ऄनुमोददत ए तक, सधमधत औ ह ए ए धनयमों ए धवधनयमों के ऄनुसयर ह ह के ऄनुपयलन करेगी। (12) वयहन प्रदषू ण:- वयहन प्रदषू ण की रोकथयम और धनयंत्रण लयग ू धवधधयों के ऄनुसयर दकयय जयएगय। स्वच्छतर ईंधन जैसे दक सीएनजी, एलपीजी अदद के प्रयोग के प्रययस दकए जयएंगे । (13) प्लयधस्टक ऄपधशष्ट प्रबधं न: - पयररधस्थधत संवेदी जोन में प्लयधस्टक ऄपधशष्ट प्रबंध , भयरत सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय की – ऄधधसूचनय सं.सय.कय.धन 340(ऄ), तयरीख 18 मयचा, 2016 के ह प्लयधस्टक ऄपधशष्ट प्रबंध धनयम, 2016 के दकयय जयएगय। II (ii) 5 (14) धनमयणा और धवध्वंस ऄपधशष्ट प्रबधं न: - पयररधस्थधत संवेदी जोन में धनमयाण और धवध्वंस ऄपधशष्ट प्रबंधन, भयरत सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय की – ऄधधसूचनय सं. .कय.धन 317(ऄ), तयरीख 29 मयचा, 2016 के ह संधनमयाण और धवध्वंस ऄपधशष्ट प्रबंधन धनयम, 2016 के ऄनुसयर दकयय जयएगय। (15) इ–ऄपधशष्ट:- पयररधस्थधत संवेदी जोन में इ–ऄपधशष्ट प्रबंध , भयरत सरकयर पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय द्वयरय प्रकयधशत इ– ऄपधशष्ट प्रबंध धनयम, 2016 – के ईपबंधों के ऄनुसयर दकयय जयएगय। (16) औद्योधगक इकयआयय:ं - (i) सरकयरी रयजपत्र में आस ऄधधसूचनय के प्रकयशन की तयरीख को यय ईसके बयद पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के भीतर दकसी भी नए प्रदषू णकयरी ईद्योग की स्थयपनय ऄनुज्ञयत नहीं की जययेगी। (ii) जब तक आस ऄधधसूचनय में धवधनर्ददष्ट न हो, पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में केंरीय प्रदषू ण धनयंत्रण बोडा द्वयरय फरवरी, 2016 में जयरी ददशयधनदेशों में दकए गए ईद्योगों के वगीकरण के ऄनुसयर केवल गैर प्रदषू णकयरी ईद्योगों की स्थयपनय ऄनुज्ञयत की जययेगी। आसके ऄधतररि, गैर-प्रदषू णकयरी कुटीर ईद्योगों को बढयवय ददयय जययेगय। (17) पहयड़ी ढलयनों कय सरं क्षण: - पहयड़ी ढलयनों कय संरक्षण धनम्नयनुसयर दकयय जययेगय: (क) अंचधलक महययोजनय में पहयड़ी ढलयनों के ईन क्षत्रे ों को दशयायय जयएगय धजनमें दकसी भी संधनमयाण की ऄनमु धत नहीं होगी । (ख) धजन धवद्यमयन खड़ी पहयड़ी ढलयनों यय ढलयनों में ऄत्यधधक भ-ूक्षरण होतय ह,ै ईनमें कोइ भी संधनमयाण ऄनुज्ञयत नहीं दकयय जययेगय । (18) केन्द्र सरकयर और रयज्य सरकयर, अवश्यक , आस ऄधधसूचनय के को प्रभयवी ए, ऄन्द्य ईपयय धनर्ददष्ट क । 4. प्रधतधषद्ध यय धवधनयधमत दकए जयन ेवयल ेदक्रययकलयपों की सचू ी - पयररधस्थधतकी संवेदी जोन में सभी दक्रययकलयप पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 (1986 कय 29) के ईपबंधों और ईसके तहत बनयए गए धनयमों तथय तटीय धवधनयमन जोन, 2011 और पययावरणीय प्रभयव अकलन ऄधधसूचनय, 2006 और वन (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1980 (1980 कय 69), भयरतीय वन ऄधधधनयम, 1927 (1927 कय 16), वन्द्यजीव (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1972 (1972 कय 53) के ईपबंधों तथय ईनमें दकए गए संशोधनों के ऄनुसयर शयधसत होंगे और नीचे दी गइ सयरणी में धवधनर्ददष्ट रीधत से धवधनयधमत होंगे, ऄथयात् :-- सयरणी क्रम सं. दक्रययकलयप धववरण क.प्रधतधषद्ध दक्रययकलयप 1. वयधणधज्यक खनन, पत्थर की खदयन और ईनको (क) , तोड़ने की आकयआययं । ए औ ए ए ह, औ ( ए ह ) ए ह ; (ख) , टी.एन. 1995 ( ) 202 4 , 2006 गोवय फयईंडेशन बनयम भयरत 2012 ( ) . 435 21 ऄप्रैल, 2014 के मयननीय ईच्चतम न्द्ययययलय ए ए 2. नइ अरय धमलों की स्थयपनय। पयररधस्थत संवेदी जोन के भीतर नइ और धवद्यमयन अरय धमलों कय ऄनुज्ञयत नहीं होगय । 3. दकसी पररसंकटमय पदयथा कय योग यय ईत्पयदन लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत के धसवयय) । यय प्रस्संकरण । 4. प्रदषू ण जल, वययु, मृदय, अदद करने वयले (क) पयररधस्थधत संवेदी जोन में नए ईद्योग और ईद्योगों ईद्योगों की । कय धवस्तयर ऄनुज्ञय नहीं होगी। (ख) जब तक दक आस प्रकयर ऄधधसूचनय में धवधनर्ददष्ट न हो, फरवरी, 2016 में केंरीय प्रदषू ण धनयंत्रण बोडा द्वयरय जयरी ददशयधनदेशों में ए ए ईद्योगों के वगीकरण के ऄनुसयर पयररधस्थधत संवेदी जोन के भीतर केवल गैर- प्रदषू ण ईद्योगों की ऄनुज्ञय दी जयएगी। आसके ऄधतररि, गैर-प्रदषू ण कुटीर ईद्योगों को ह जयएगय। 5. नइ बृहत जल धवद्युत पररयोजनय और ससचयइ लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध (ऄन्द्य थय ईपबंधधत के धसवयय) होंगे । 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)] पररयोजनय की स् थयपनय । 6. जलयवन लकड़ी कय वयधणधज्यक ईपयोग। लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत के धसवयय) । 7. प्रयकृधतक जल धनकययों यय भूधम क्षेत्र में लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत के धसवयय) । ऄनुपचयररत बधहस्रयवों कय धनस्सयरण । 8. पोधलथीन बैगों कय ईपयोग। लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत के धसवयय) । 9. ईंट भट्टों की स्थयपनय । लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत के धसवयय) । ख.धवधनयधमत दक्रययकलयप 10. होटलों और की वयधणधज्यक स्थयपनय । पयररधस्थधत पयाटन दक्रययकलयपों ह लघु ऄस्थययी संरचनयओं के संरधक्षत क्षेत्र की सीमय से 1 दकलोमीटर भीतर यय पयररधस्थधत संवेदी जोन तक, आनमें जो धनकट ह , नए वयधणधज्यक होटल और ररसोटा ऄनुज्ञयत ह होंगे। परंतु, संरधक्षत क्षेत्र की सीमय से 1 दकलोमीटर के ह यय पयररधस्थधत संवेदी जोन तक, जो भी धनकट हो, ए ह औ ह । 11. संधनमयाण दक्रययकलयप । (क) संरधक्षत क्षेत्र की सीमय से एक दकलोमीटर के भीतर यय पयररधस्थधत संवेदी जोन तक, जो भी धनकट हो, दकसी भी प्रकयर कय वयधणधज्यक संधनमयाण ऄनुज्ञयत नहीं दकयय जयएगय: परंतु धल ए लोगों को, पैरय 6 के ईप पैरय (1) में सूचीबद्ध दक्रययकलयपों सधहत योग के धलए, भूधम में भवन ईप-धवधधयों के ऄनुसयर संधनमयाण करने की ऄनुमधत दी जयएगी :- (i) धवद्यमयन सड़कों को चौड़य करनय और ईन्द्ह ेंसुदढृ करनय और नइ सड़कों कय संधनमयाण; (ii) बुधनययदी ढयंचों और नयगररक सुधवधयओं कय संधनमयाण और नवीकरण; (iii) ह कुटीर ईद्योग, सुधवधय भ्‍डयर और ह ह पयररधस्थधतकी पयाटन में सहययक स्थयनीय सुधवधयएं ह; और (iv) आस ऄधधसूचनय में सूचीबद्ध ददए गए दक्रययकलयप । 12. गैर प्रदषू णकयरी लघु ईद्योग । फरवरी, 2016 में केन्द्रीय प्रदषू ण बोडा द्वयरय जयरी ईद्योगों के वगीकरण के ऄनुसयर गैर-प्रदषू णकयरी ईद्योग तथय ऄपररसंकटमय लघु और सेवय ईद्योग, कृधष, पुष्प कृधष, बयगबयनी यय कृधष अधयररत ईद्योग, जो पयररधस्थधतकी संवेदी जोन से ईत्पयद बनयते ह,ैं सक्षम प्रयधधकयरी द्वयरय ऄनुज्ञयत होंगे। 13. वृक्षों की कटयइ । (क) रयज्य सरकयर के सक्षम प्रयधधकयरी की पूव ा ऄनुमधत के धबनय वन भूधम यय सरकयरी यय रयजस्व यय धनजी भूधम पर वृक्षों की कटयइ नहीं होगी । (ख) वृक्षों की कटयइ केंरीय यय संबंधधत रयज्य के ऄधधधनयम यय ई के ऄधीन बनयए गए धनयमों के ईपबंधों के ऄनुसयर धवधनयधमत होगी । 14. वन ईत्पयदों और गैर कयष्ठ वन ईत्पयदों लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । (एनटीएफपी) कय संग्रहण । 15. नयगररक सुधवधयओं सधहत बुधनययदी ढयंचय। लयगू धवधधयों, धनयमों और धवधनयमों तथय जूदय ददशयधनदेशों के ऄनुसयर ईपशमन ईपययों के सयथ दकयय जययेगय। 16. पयाटन से संबंधधत ऄन्द्य दक्रययकलयप जैसे दक लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । पयररधस्थधतकी संवेदी जोन क्षेत्र के उपर से गमा वययु के गुब्बयरे, हले ीकयप्टर, ड्रोन, मयआक्रोलयआट्स II (ii) 7 अदद जैसे दक्रययकलयप । 17. फमों, कॉपोरेट, कंपधनयों द्वयरय बड़े पैमयने पर स्थयनीय लोगों के ईपयोग के धलए लयगू धवधधयों के ऄनुसयर प्रधतधषद्ध ( ईपबंधधत वयधणधज्यक पशुधन संपदय और कुक्कुट फयमों की के धसवयय) । स्थयपनय । 18. धवद्युत और संचयर टॉवर लगयने और तयर-धबछयने लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय एवं ऄन्द्य बुधनययदी ढयंचे की व्यवस्थय । 19. होटलों और लॉज के धवद्यमयन पररसरों में बयड लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । लगयनय 20. प्रयकृधतक जल धनकययों यय भू क्षत्रे में जल धनकययों में ईपचयररत ऄपधशष्ट जल/बधहस्रयव के धनस्सयरण से बचय जयएगय। ईपचयररत/ऄपधशष्ट जल/बधहस्रयाव कय धनस्सयरण । ईपचयररत ऄपधशष्ट जल के पुनचाक्रण और पुन:ईपयोग के प्रययस दकए जयएंगे ऄन्द्यथय ईपचयररत ऄपधशष्ट जल/ बधहस्रयव कय धनस्सयरण लयगू धवधधयों के ऄनुसयर धवधनयधमत दकयय जयएगय। 21. सतही और भूजल कय वयधणधज्यक ए लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । धनष्कषाण । 22. कृधष यय ऄन्द्य ईपयोग के धलए खुले कुएं/ बोर कुएं समधुचत प्रयधधकयरी द्वयरय धवधनयधमत दकयय जयएगय तथय दक्रययकलयप की सख्त अदद कय धनमयाण । धनगरयनी की जयएगी। 23. वयधणधज्यक संकेत बोडा और होर्डडग । लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । 24. वययु, ध् वधन और ययधनक प्रदषू ण । लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । 25. धवदेशी प्रजयधतयों को लयनय । लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । 26. पयररधस्थधतकी पयाटन। लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । 27. सुरक्षय बल धशधव लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । 28. नए कयष् ि अधयररत ईद्योग पयररधस् थधतक संवेदी जोन के भीतर नए कयष् ि अधयररत ईद्योग की स् थयपनय ऄनुज्ञयत नहीं होगी परंतु पयररधस्थधतक संवेदी जोन में 100% अययधतत कयष् ि क करने वयल े नए कयष् ि अधयररत ईद्योग की स् थयपनय की जय सकेगी । 29. पयररधस्थधतक ऄनुकूल पयाटन दक्रययकलयपों के धलए लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । पयाटकों के ऄस्थ ययी अवयसन ह पयररधस्थधतक ऄनुकूल अरयमगयह जैसे टेंट, लकड़ी के मकयन अदद ; 30. िोस ऄपधशष्ट प्रबंधन (धनपटयन और ऄपधशष्ट लयगू धवधधयों के ऄधीन धवधनयधमत होगय । धनपटयन को छोड़कर) ग. सवं र्वधत दक्रययकलयप 31. वषया जल संचयन । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 32. जैधवक खेती। सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 33. सभी गधतधवधधयों के धलए हररत प्रौद्योधगकी कय सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । ऄंगीकरण । 34. ग्रयमीण कयरीगरी सधहत कुटीर ईद्योग। सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 35. नवीकरणीय उजया और ईंधन कय प्रयोग । बययोगैस, सौर प्रकयश आत्ययदद को सदक्रय रुप से बढयवय ददयय जयएगय। 36. कृधष वयधनकी । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 37. पयररधस्थधतकी ऄनुकूल ययतयययत कय योग । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 38. कौशल धवकयस । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 39. ऄवक्रधमत भूधम/ यय वयस-स्थलों की बहयली । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । 40. पययावरणीय जयगरुकतय । सदक्र य रूप से बढयवय ददयय जयएगय । उपर ईधल्लधखत प्रधतधषद्ध दक्रययकलयप प्रयरूप ऄधधसूचनय जयरी ह की तयरीख से ह । 5. धनगरयनी सधमधत.- पयररधस्थधतक संवेदी जोन की प्रभयवी धनगरयनी के धलए ए एक धनगरयनी सधमधत गरित करती ह,ै जो धनम्नधलधखत से धमलकर बनेगी:-- 1. धजलय कलेक्टर, यवतमयल -ऄध् यक्ष; 2. मुख् य कययाकयरी ऄधध कयरी, धजलय पररषद,् यवतमल –सदस् य; 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)] 3. क्षेत्रीय ऄधध कयरी, महयरयष्ट्र रयज् य प्रदषू ण धनयंत्रण बोडा, ऄमरयवती –सदस् य; 4. नगर योजनय ऄधध कयरी, यवतमल –सदस् य; 5. पययावरण के क्षेत्र में कयया करने वयले गैर सरकयरी संगिनों (धजसके ऄंतगात धवरयसत संरक्षण भी ह)ै –सदस् य; कय की ऄवधध के धलए रयज्य सरकयर द्वयरय नयमधनर्ददष्ट एक प्रधतधनधध 6. तीन वषा की ऄवधध के धलए सरकयर द्वयरय नयम धनर्ददष् ट दकए जयने वयलय पययावरण और –सदस् य; पयररधस् थधत के क्षेत्र एक धवशेषज्ञ 7. ऄपर प्रधयन मुख् य वन संरक्षक, (पू ) वन्द्य जीव, नयगपुर कय प्रधतधनधध –सदस् य; 8. रयज्य जैव-धवधवधतय बोडा कय सदस्य –सदस् य; 9. ईप वन संरक्षक, पंधयरकयवदय वन भयग –सदस् य 6. धवचयरयथ ाधवषय :- (1) धनगरयनी सधमधत आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों के ऄनुपयलन की धनगरयनी करेगी। (2) धनगरयनी सधमधत कय कययाकयल तीन वषा यय रयज्य सरकयर द्वयरय नइ सधमधत कय पुन: गिन दकए जयने तक होगय और बयद में धनगरयनी सधमधत रयज्य सरकयर द्वयरय गरित की जयएगी। (3) , भयरत सरकयर के तत्कयलीन पययावरण एवं वन मंत्रयलय की ऄधधसूचनय संख्यय कय. अ. 1533 (ऄ), तयरीख 14 धसतमबर, 2006 की ऄनुसूची ह और पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के ऄन्द्तगात अते ह ैं ऄधधसूचनय के पैरय 4 में दी गइ सयरणी में यथय धवधनर्ददष्ट , ए औ ह ईि ऄधधसूचनय के ईपबंधों के ऄधीन पूवा पययावरण स्वीकृधत के धलए केन्द्र सरकयर के पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय को भेजय ए । (4) वे दक्रययकलयप, जो भयरत सरकयर के तत्कयलीन पययावरण एवं वन मंत्रयलय की ऄधधसूचनय संख्यय कय.अ. 1533(ऄ), तयरीख 14 धसतंबर, 2006 की ऄ सूची के ऄंतगात नहीं अते ह,ैं परन्द्तु जो पयररधस्थधतकी संवेदी जोन के ऄंतागत अते ह,ैं ईनकी, आस ऄधधसूचनय के पैरय-4 में दी गइ सयरणी में यथय धवधनर्ददष्ट प्रधतधषद्ध दक्रययकलय के धसवयय, वयस्तधवक स्थल धवधशष्ट दशयओं के अधयर पर, धनगरयनी सधमधत द्वयरय संवीक्षय की जययगे ी और ईन्द्ह ेंसंबंधधत धवधनययमक प्रयधधकरणों को भेजय जययेगय। (5) धनगरयनी सधमधत कय सदस्य-सधचव यय संबंधधत कलेक्टर यय संबंधधत आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों कय ईल्लंघन करने वयले दकसी व्यधि के धवरुद्ध पययावरण (संरक्षण) ऄधधधनयम, 1986 की धयरय 19 के ऄंतगात धशकययत दजा करने के धलए सक्षम होगय । (6) धनगरयनी सधमधत प्रत्येक मयमले में अवश्यकतयओं के अधयर पर संबंधधत धवभयगों के प्रधतधनधधयों यय धवशेषज्ञों, औद्योधगक संघों के प्रधतधनधधयों यय संबंधधत पक्षों को ऄपने धवचयर-धवमशा में सहययतय के धलए अमंधत्रत कर सकेगी । (7) धनगरयनी सधमधत प्रत्येक वषा 31 मयचा की धस्थधत के ऄनुसयर ऄपनी वयर्वषक कयरावयइ ररपोटा रयज्य के मुख्य वन्द्यजीव वयडान को, ईपयबधं V म ें ददए गए प्रपत्र के ऄनुसयर, ईस वषा की 30 जून तक प्रस्तुत करेगी । (8) केन्द्रीय सरकयर कय पययावरण, वन और जलवययु पररवतान मंत्रयलय धनगरयनी सधमधत को ईसके कृत्यों के प्रभयवी धनवाहन के धलए ऐसे धनदेश दे सकेगय जो वह ईधचत समझे । 7. आस ऄधधसूचनय के ईपबंधों को प्रभयवी बनयने के धलए केंरीय सरकयर और रयज् य सरकयर, ऄधतररक् त ईपयय, यदद कोइ हों, धवधनर्ददष् ट कर सकेंगी । 8. आस ऄधधसूचनय के ईपबंध भयरत के मयननीय ईच्चतम न्द्ययययलय यय ईच्च न्द्ययययलय यय रयष् रीय हररत ऄधधकरण द्वयरय पयररत दकए गए यय पयररत ए वयले अदेश, यदद कोइ हो, के ऄध्यधीन होंगे । [फय. सं. 25/127/2015-इएसजेड] लधलत कपूर, वैज्ञयधनक ‘जी’ II (ii) 9 I वन्द्यजीव ऄभययर्‍य की सीमय कय धववरण .88, 83,84,82, ए-106, ए-107 , , , . 86,87, ए-112 ह , , ( ) . 59 , , . 60 , , , ह . -71, 65. , , ह . -98,122,120 , , , , ह , . 100 . -98, -96 . -108 -670, -110. , , , , , , . 812 , , , . -121 , , . 669. 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)] -II

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