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Shri Guru Granth Sahib Ji Part-1 PDF

746 Pages·1999·62.9 MB·Hindi
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ा ह+ गुरुद्वारा का (0००( ५ <2/08 84 (७॥ 7-5/ 5कठ > क (७७ (७क) भा ५५ # हसेति ग8ुबारय अपज्रीसजा २ । ४:3६?:३३६”6०३ ६९९३१८२6५५३८९१९५३५८२०५९३९ ०५९९०५८०५९०५००५०५८०५० 50९ज57?५3८४५2४०5?७८2 ७४5०७2७७5४/2७८५७०ह2७/५५/2:०७</५५+, खियाययप) ारप'; लपपनयद की के ४ ऑससतिगुर प्रसादि ॥ आदि श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी (भाग १) 2०, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी, श्री अमृतसर | - है. ७ कि हज हु कस !' 5! 25 ३ !] (५ /3 ्ड4 ३८: 40५९: ०७2३, $. आह5, * 7| 3८4 ] ् डि४ च्नि 24 र््ल ्त्ि श्री अमृरतेसर ।ट5 ि ॥५॥ (७ल । कक कक, घट९ .3८/3 3 3. ० ९ 38८ 3: कै. & किऑ७ ऑऔ चड्ओआ उआअ जज 4 ७ ह,ि > >> 90 >> ७ अििशिवाडे ५ | | | है 2. 2 £<+ के +£%2 ९%॥ १९% रे हद 2 कै हि हि रु हिह ि के हि के ः ४५१७“४/3८८%८)६४: ७ गऑतवति नाामु करता पुरखु निरभउ ड ५4० ४४८ अकाल मूरति अजूनी सेभं गुर प्रसादि ॥ ३ रे ८|&2५ 6९५/८२८५३८ ! १ ऑसितिगुर प्रसादि॥ " ततकरा रागा का ततकरा सबदां का 6. जपु १ इकु तिलु पिआरा २१ मनमुखु मोहि विआपिआ हा सो दरु ८ कि सिरीरागु हरि हरि जपहु २२ घर ही सउदा पाईऐ दा (महला १) भरमे भाहि न विज्वै २२ सचा साहिबु सेवीऐ हि सी १० मोती त मंदर ऊसरहि १४ 2222 वणजारिहो रहे > माइआ है (2 ला १२ कोटि कोटी मेरी आरजा. १४ धनु जोबनु अरु फुलड़ा २३ अंग्रितु आ हु रागु सिरीरागु १४ लेखै बोलणु बोलणा १५ आपे रसीआ आपि २३ मनमुख करम हु | लबु कुता कूड़ु चूहड़ा १५ इहु तनु धरती बीजु २३ जा पिरु जाणै आपणा ३१. 42 है. |र ायु माझ ९४ अमलु गलोला कूड़ का १५ अमलु करि धरती २४ गुरसुखि क्रिपा करे ३२ * रे आय गउड़ी १५१ जालि मोहु घसि मसु १६ सोई मउला जिनि २४ धनु जननी जिनि ३२ 2 हा रागु आसा ३४७ सभि रस मिठे मनिऐ १६ एकु सुआनु दुइ् २४ गोविदु गुणी निधानु है ३२ | 4 यु कुंगू की कांइआ १७ एका सुरति जेते है २४ कांइआ साधे उरध ३३ ३] ठु। रागु गूजरी ४८९ गुणवंती गुण वीथरै १७. तू दरीआउ दाना २५. किरपा करे गुरु ३३ कर आशु देवगंधारी ५२७ आवहु भैणे गलि १७ कीता कहा करि मनि २५ जिनी पुरखी सतिगुरु रे जा हदर>ै र ागु बिहागड़ा ३७ भभललीी ससररीी जि उबरी १८ अछल छलाई नह २५. किसु हउ सेवी किआ ३४. ः रागु गड़ ५्‌ धातु मिलै फुनि धातु कड.. १८ (महला ३) जे वेला वखतु ३५ + ह४ ि रररााागगकुुु सवसधडोोनरहराठस सिुर ी ५सा९ ५ - पतस्पनुुरंंुिजीजग ुीज जलदीेिदवहे ह ण डुबर लदािोव हणमीाा गटणीी १११९८.९. . हजबहिउुस सभतेहिखीग ुककरीरु ि ससिेभरमवाअ ीई एऐंए. २२२७६६ 3 आबपि2नणु2 ाग8ख अुनर5ंे भदर उुदो गस तुदिनान य३३५ा६. *। है रा लतंसंरी की नानक बेड़ी सच की २० जिनी सुणि कै मनिआ २७ गुण सचु पाइआ ३६ ६ | रागु जैतस ६९६ २० जिनी इक मनि नामु २८ आपे कारणु करता ३७ ++ 8 टबैोरडाीड ी ७(9१७१९१ कएहुा म नवो म8ूरखु लनोहभीी आ २२१० सहरुिख भसगातगार ु हहररिि धननाुम ु २२८९ इसुकणिि पसिुरणु ि राकवाहमि ३३८७ [श <#5अ2प52 8८5८82 कक कक केक ेक ेक ेक ेक ेक े व आ० 5 5 55 २552न इऊ 8 ०2०पऊ0ज0ऊ ऊऊ४ऊजऊज४ऊ ०ऊज जज खुबलबयजलखयबललललल१० ३ ४ 2(2०३६”*०३। (रविदास जीउ) हरि जीस चास चु तू. करण कारण एकु ओही सतिगुरि सेविऐ ६९ तोही मोही मोही तोही ९३ (महला ५) संचि हरि धनु पूजि 53 जगि हउमै मैलु जा कउ मुसकलु ७० दुक्रित सुक्रित मधे (महला ४) रागु माझ जानउ नही भावै ७१ तेरै भरोसे पिआरे मै मनि तनि बिरहु संत जना मिलि भाईआ (महला १) नामु मिलै मनु गुरु परमेसरु पूजीऐ जोगी अंदरि जोगीआ ७१ (महला ४) गुण गावा गुण (महला ५) हरि हरि नामु मै ९४ हउ पंथु दसाई नित संत जनहु सुणि मधुसूदन मेरे मन तन प्राना ९४ रसु अंम्रितु नामु (महला १ असटपदीआ) पै पाइ मनाई सोइ ७३ हरि गुण पड़ीऐ द्व दिनसु चड़ै फिरि आखि आखि मनु वावणा (महला १ पहरे) (महला ५) सभे कंत महेलीआ पहिलै पहरै रैणि कै ७४ हरि जन संत मिलहु ९५ किआ तू रता देखि कै आपे गुण आपे कथै पहिलै पहरै रैणि कै ७५ हरि गुर गिआनु ९५ हउ गुण गोविंद ९५ मनि बिलासु बहु रंगु मछुली जालु न जाणिआ (महला ४) आवहु भैणे तुसी ९६ भलके उठि पपोलीऐ मनि जूठै तनि जूठि पहिलै पहरै रैणि कै ७६ घड़ी मुहत का पाहुणा जपु तपु संजमु (महला ५) (महला ५) सभे गला विसरनु गुर ते निरमलु पहिलै पहरै रैणि कै ७७ मेरा मनु लोचै गुर ९६ सभे थोक परापते सुणि मन भूले बावरे (महला ४ छत) सा रुति सुहावी जितु ९७ सोई धिआईएऐ बिनु पिर धन मुंध इआणी पेईअड़ै ७८ अनहदु वाजै सहजि ९७ नामु धिआए सो सुखी सतिगुरु पूरा जे मिलै (महला ५ छत) जितु घरि पिरि ९७ इकु पछाणू जीअ का रे मन ऐसी हरि सिउ मन पिआरिआ जीउ ७९ खोजत खोजत दरसन ९८ जिना सतिगुर सिउ मनमुखि भुलै (छत महला ५ डखणा) पारब्रहम अपरपर ९८ मिलि सतिगुरु सभु त्रिसना माइआ हठ मझाहू मा पिरी ८० कहिआ करणा दिता ९८ 42 पूरा सतिगुर जे मिलै राम नामि मनु (महला ४ वणजारा) दुखु तदे जा विसरि ९८ : प्रीति लगी तिसु चिते दिसहि धउलहर हरि हरि उतमु ८१ लाल गोफल दइआल ९९ मनु तनु धनु जिनि डूंगरु देखि डरावणो (सिरीराग की वार महला ४) धंनु सु वेला जितु मै ९९ ९)। मेरा तनु अरु धनु मुकामु करि घरि बैसणा रागा विचि स्रीरागु है ८३ सगल संतन पहि ९९ ५ सरणि पए प्रभ (महला ३ असटपदीआ) (कबीर जीउ का) विसरु नाही एवड दाते १०० उदमु करि हरि गुरमुखि क्रिपा करे जननी जानत सुतु ९१ सिफति सालाहणु १०० है सोई सासतु सउणु हउमै करम कमावदे (ब्रिलोचन का) तूंज लनिधि हम १००. रसना सचा सिमरीऐ पंखी बिरखि सुहावड़ा माइआ मोहु मनि ९२ अग्नित नामु सदा १००. संत जनहु मिलि गुरमुखि नामु (भगत कबीर जीउ का) निधि सिधि रिघधि १०१. डहँँ मिठा करि कैख ाइआ माइआ मोह मेरै अचरज एकु सुनहु रे श्र प्रभ किरपा ते हरि १०१. गोइलि आइआ गोइली सहजै नो सभ लोचदी (भगत बेणी जीउ की) ओति पोति सेवक १०१ तिचरु वसहि सुहेलड़ी ५० सतिगुर मिलिऐ ६९ रे नर गरभ कुंडल ९३ सभु किछु घर महि १०२ कक केक ेक क केक ेक े कक कक कक कक कक क कक कक कक आक क क क क कक कक ककक कक कक ६ < +>८<<०<८4 ०९<:०८:०८ +

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