Description:यह पुस्तक समर्पित है हिंदू दलित हुतात्मा किरण कुमारी को जिसने ४
जिहादियों द्वारा बलात्कार और दरिंदगी के बाद भी निकाह के लिए इस्लाम
क़ुबूल नहीं किया । अंत में गला रेत कर मार डाली गई , पर धर्म नहीं छोड़ा ।
आँखों में ख़ून के आँसू और हृदय में प्रतिशोध का संकल्प लिए तेरा भाई।